घन जीवामृत कैसे बनाये
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घन जीवामृत |
🛠️ घन जीवामृत बनाने की सामग्री
100 किलो घन जीवामृत बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
- 100 किलो देसी गाय का गोबर
- गौमूत्र (आवश्यकतानुसार)
- 1 किलो गुड़ (पाउडर बना लें)
- 2 किलो चने का आटा (अरहर, मूंग, लोबिया, उड़द आदि)
- 1 मुट्ठी जीवंत मिट्टी (खेत की मेढ़ से)
🔨 घन जीवामृत बनाने की विधि
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गोबर तैयार करें: सबसे पहले 100 किलो देसी गाय का गोबर साफ जगह पर एकत्र करें।
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गुड़ पाउडर बनाएं: 1 किलो गुड़ को अच्छे से पीसकर पाउडर बना लें और उसे गोबर में मिला दें।
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चने का आटा मिलाएं: 2 किलो चने का आटा (अरहर, मूंग, उड़द या लोबिया में से कोई एक) को गोबर में डालकर अच्छे से मिला लें।
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जीवंत मिट्टी मिलाएं: खेत की मेढ़ से 1 मुट्ठी जीवंत मिट्टी लाकर इसे गोबर के मिश्रण में डालें।
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गौमूत्र का उपयोग करें: अगर आवश्यक हो, तो थोड़ी मात्रा में गौमूत्र भी मिश्रण में मिलाएं।
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मिश्रण को अच्छे से मिक्स करें: सभी सामग्रियों को अच्छे से मिला लें, ताकि कोई गांठ न रह जाए।
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सुखाने की प्रक्रिया: इस मिश्रण को 48 घंटे के लिए छायादार स्थान पर रखें और जूट की बोरी से ढक दें। इसे धूप में नहीं सुखाना है।
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पैकिंग: 48 घंटे बाद, मिश्रण को अच्छे से कुचलकर छान लें और बोरियों में भरकर रख लें।
- बुवाई के समय: बुवाई से पहले 200 किलो घन जीवामृत को एक एकड़ भूमि में समान रूप से फैलाएं। यह पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है और मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की सक्रियता बढ़ाता है।
- फूल आने के समय: फसल के फूल आने के दौरान 50 किलो घन जीवामृत को दो फसल लाइनों के बीच डालें। यह पोषक तत्वों की आपूर्ति करेगा और सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ावा देगा।
🌿 घन जीवामृत के फायदे
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मिट्टी की उर्वरता में सुधार: घन जीवामृत मिट्टी के सूक्ष्मजीवों की सक्रियता को बढ़ाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है।
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उपज में वृद्धि: यह फसल की गुणवत्ता और उपज में वृद्धि करने में मदद करता है।
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पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाता है: घन जीवामृत में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं।
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कीट और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: यह पौधों को कीटों और रोगों से सुरक्षित रखने में मदद करता है।
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पर्यावरण मित्र: यह पूरी तरह से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल होता है, जिससे रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम होता है।
🔬 अनुसंधान आधारित तथ्य
घन जीवामृत में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव पौधों के लिए जैविक पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाते हैं। देशी गाय के गोबर में 219 प्रकार के जीवाणु होते हैं, जो मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने और पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा, गाय के गोबर में एक एंटीफंगल पदार्थ होता है जो कवकों के विकास को रोकता है और फसलों को सुरक्षित रखता है।
🌻 कीट और रोग नियंत्रण
घन जीवामृत के साथ-साथ बीजामृत और तरल जीवामृत का उपयोग करने से फसलें कीटों और रोगों से सुरक्षित रहती हैं। यह जैविक खेती के लिए एक आदर्श समाधान है, क्योंकि यह कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का विकल्प है।
✅ निष्कर्ष
घन जीवामृत एक बेहतरीन जैविक खाद है जो न केवल आपकी मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है, बल्कि यह आपके फसलों के उत्पादन और गुणवत्ता में भी सुधार करती है। इसकी प्राकृतिक प्रक्रिया और प्रभावी परिणाम इसे जैविक खेती के लिए एक आदर्श विकल्प बनाते हैं। इसे अपनाकर आप अपनी खेती को न केवल उन्नत बना सकते हैं, बल्कि पर्यावरण की रक्षा भी कर सकते हैं।
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