निमास्त्र: कीट नियंत्रण के लिए एक प्राकृतिक जैविक उपाय
नीमास्त्र एक जैविक तरल कीटनाशक है जिसे किसान घर पर आसानी से बना सकते हैं। यह कीटों को नियंत्रित करने, फसल की सुरक्षा बढ़ाने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने का प्राकृतिक व सस्ता उपाय है। जानें नीमास्त्र बनाने की विधि, उपयोग और फायदे।
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नीमास्त्र क्या है?
नीमास्त्र एक तरल जैविक कीटनाशक (Organic Pesticide) है जिसे किसान अपने घर पर ही तैयार कर सकते हैं। इसमें मौजूद एज़ाडिरैक्टिन (Azadirachtin) नामक तत्व कीटों के भोजन और वृद्धि चक्र को बाधित करता है, जिससे यह हानिकारक कीटों को प्रभावी ढंग से रोकता है।
नीमास्त्र बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री:
- नीम की हरी पत्तियाँ या फल – 5 किलो
- गौमूत्र – 5 लीटर
- गोबर – 1 किलो
- पानी – 100 लीटर
बनाने का तरीका:
- नीम की पत्तियों/फलों को कूटकर 100 लीटर पानी में डालें।
- इसमें 5 लीटर गौमूत्र और 1 किलो गोबर अच्छी तरह मिलाएँ।
- लकड़ी की छड़ी से घोल को दिन में 2–3 बार चलाएँ।
- इसे 48 घंटे तक ढककर रखें।
- 48 घंटे बाद कपड़े से छान लें।
- तैयार नीमास्त्र का फसल पर छिड़काव करें।
नीमास्त्र का उपयोग
- धान, गेहूँ, कपास, दालें और सब्ज़ियों पर छिड़काव।
- माहू, सफेद मक्खी, जेसिड, थ्रिप्स जैसे रस चूसने वाले कीटों पर प्रभावी।
- छोटी इल्ली और तना छेदक कीटों को नियंत्रित करता है।
- फसलों को रोगों से बचाने और उत्पादन बढ़ाने में सहायक।
नीमास्त्र के फायदे
- पूरी तरह जैविक और पर्यावरण अनुकूल।
- किसानों के लिए सस्ता और घरेलू उपाय।
- मिट्टी की उर्वरता और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि में सहायक।
- फसल उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाता है।
- मानव एवं पशु स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित।
नीमास्त्र का प्रयोग करते समय सावधानियाँ
- नीमास्त्र को छायादार स्थान पर ही रखें।
- छानने के बाद तुरंत प्रयोग करें।
- छिड़काव सुबह या शाम के समय करें।
- हमेशा साफ छिड़काव यंत्र का उपयोग करें।
नीमास्त्र किसानों के लिए एक प्राकृतिक वरदान है। यह न केवल कीटों से फसल की रक्षा करता है बल्कि मिट्टी को भी जीवंत बनाए रखता है। जो किसान भाई जैविक खेती को अपनाते हैं, उन्हें नियमित रूप से नीमास्त्र का उपयोग करना चाहिए ताकि उन्हें बेहतर उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त हो सके।
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