अग्नि-अस्त्र: कीटों के खिलाफ एक देसी जैविक हथियार
प्राकृतिक खेती में रासायनिक कीटनाशकों का कोई स्थान नहीं है। इसके स्थान पर देसी और सुरक्षित जैविक विधियों का उपयोग किया जाता है। इन्हीं में से एक है "अग्नि-अस्त्र", जो कि तेज़ प्रभाव वाला जैविक कीटनाशक है।
यह पत्तियों, तनों, और डंडियों में रहने वाले कीड़ों, बॉलवर्म और कैटरपिलर के खिलाफ अत्यंत असरदार उपाय है।
📋 आवश्यक सामग्री
सामग्री मात्रा
नीम की पत्तियाँ 5 किलोग्राम
हरी मिर्च 0.5 किलोग्राम
लहसुन 0.5 किलोग्राम
गोमूत्र (गाय का) 20 लीटर
🛠 अग्नि-अस्त्र की बनाने की विधि
1. गोमूत्र आधार तैयार करें
20 लीटर देसी गाय का गोमूत्र किसी बर्तन में लें।
2. नीम की पत्तियाँ मिलाएं
5 किलो नीम की हरी पत्तियों को कूटकर गोमूत्र में डालें।
3. हरी मिर्च और लहसुन मिलाएं
0.5 किलो हरी मिर्च और 0.5 किलो लहसुन को पीसकर उस घोल में मिलाएं।
4. उबालने की प्रक्रिया
इस पूरे मिश्रण को 3-4 उबाल आने तक धीमी आंच पर पकाएं।
5. ठंडा करना और छानना
घोल को ठंडा होने दें और 48 घंटे तक ढककर रखें। फिर सूती कपड़े से छान लें।
अब यह घोल छिड़काव के लिए तैयार है।
🌾 उपयोग की विधि
2-3% के घोल के रूप में पानी में मिलाकर फसलों पर छिड़कें।
उदाहरण: 10 लीटर पानी में 200-300 मिली अग्नि-अस्त्र मिलाएं।
✅ अग्नि-अस्त्र के लाभ
1. पेड़ों के तनों और डंडियों में रहने वाले कीड़ों के लिए अत्यंत असरदार।
2. सभी प्रकार के बॉलवर्म, कटवर्म, कैटरपिलर पर असर करता है।
3. मानव, पशु, परागण करने वाले कीटों और पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित।
4. बार-बार प्रयोग करने पर कीट प्रकोप में स्थायी कमी आती है।
📌 विशेष सुझाव
घोल को हमेशा छांव में ठंडा कर के छानें।
छिड़काव सुबह या शाम के समय करें।
आवश्यकता अनुसार सप्ताह में 1-2 बार उपयोग करें।
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