प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) –सिंचाई ऑनलाइन आवेदन फॉर्म ड्रिप इरिगेशन
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ की 60% से अधिक आबादी खेती पर निर्भर है। खेती की आत्मा है – पानी। बिना पानी खेती असंभव है, लेकिन आज भी भारत के कई राज्यों में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं है और किसान अब भी बारिश पर निर्भर रहते हैं।
इसी चुनौती को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana – PMKSY) शुरू की।
इस योजना का मुख्य नारा है –
“हर खेत को पानी और हर बूंद से ज्यादा फसल (More Crop Per Drop)”
इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक सिंचाई साधनों जैसे –
ड्रिप, स्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर, रेनगन, पाइपलाइन, सोलर पंप आदि पर 50% से 70% तक सब्सिडी दी जाती है।
योजना के उद्देश्य (Objectives)
- खेती में पानी की बर्बादी रोकना।
- हर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुँचाना।
- ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी माइक्रो इरिगेशन तकनीक को बढ़ावा देना।
- बारिश के पानी का संरक्षण और खेत तालाबों में भंडारण।
- भूजल स्तर को बढ़ाना।
- किसानों की पैदावार बढ़ाना और लागत घटाना।
किसानों के लिए लाभ (Benefits for Farmers)
- खेती की लागत घटती है।
- पानी की 40–50% तक बचत होती है।
- फसल की पैदावार 30–40% तक बढ़ती है।
- पानी की कमी वाले क्षेत्रों में भी सिंचाई संभव।
- सब्ज़ी, फल और नकदी फसलों (कपास, गन्ना) में अधिक लाभ।
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम (Drip Irrigation System)
क्या है ड्रिप इरिगेशन?
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम में पानी को पाइप और छोटे-छोटे एमिटर्स (Emitters) के माध्यम से सीधे पौधे की जड़ों तक पहुँचाया जाता है।
इसका सबसे बड़ा फायदा है कि पानी व्यर्थ नहीं होता और पौधों को उतनी ही मात्रा में पानी मिलता है जितनी ज़रूरत है।
सरल शब्दों में –
“ड्रिप सिस्टम पौधे को बूंद-बूंद पानी देता है।”
ड्रिप इरिगेशन कैसे काम करता है?
- खेत में मुख्य पाइपलाइन (Main Line) डाली जाती है।
- उससे जुड़ी सबसाइन (Sub Main Pipe) होती है।
- इन पाइप से छोटे-छोटे ड्रिपर/एमिटर जुड़े होते हैं।
- हर पौधे की जड़ के पास यह एमिटर बूंद-बूंद पानी पहुँचाता है।
ड्रिप इरिगेशन के फायदे
- पानी की 40%–60% तक बचत।
- फर्टिगेशन (Fertigation) तकनीक से खाद और दवा भी पानी के साथ दी जा सकती है।
- फसल की पैदावार 25%–50% तक बढ़ जाती है।
- खरपतवार (Weeds) कम उगते हैं।
- हर पौधे तक समान रूप से पानी पहुँचता है।
- बिजली/डीजल की खपत कम होती है।
किन फसलों के लिए उपयोगी?
- सब्ज़ियाँ – टमाटर, मिर्च, प्याज, गोभी
- फल – आम, अनार, केला, अंगूर, पपीता
- नकदी फसलें – कपास, गन्ना
- बागवानी और फूलों की खेती
ड्रिप इरिगेशन पर सब्सिडी (%)
- छोटे और सीमांत किसान → 💰 60%–70% सब्सिडी
- अन्य किसान → 💰 50%–55% सब्सिडी
- (राज्यवार नियमों के अनुसार प्रतिशत थोड़ा अलग हो सकता है।)
लागत और खर्च
- 1 एकड़ खेत में ड्रिप सिस्टम की लागत लगभग ₹35,000 – ₹50,000 तक आती है।
- किसान को केवल ₹10,000 – ₹20,000 ही लगाना पड़ता है, बाकी राशि सरकार देती है।
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)
- अपने राज्य की कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)” पर क्लिक करें।
- ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें।
आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें –
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- भूमि रिकॉर्ड (खतौनी/जमाबंदी)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आवेदन स्वीकृत होने के बाद अधिकृत कंपनी से उपकरण खरीदकर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
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