देशभर में सर्दी-जुकाम और फ्लू का कहर: बच्चों से लेकर पालतू जानवरों तक संक्रमण की लहर

देश के कई हिस्सों में मौसम का मिज़ाज अचानक बदलने लगा है — कहीं हल्की ठंड तो कहीं दिन में गर्मी और रात में ठंडी हवाएँ। इसी अस्थिर मौसम का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर साफ़ दिखाई देने लगा है। सर्दी-जुकाम, खांसी, फ्लू और इन्फ्लुएंज़ा A जैसे वायरल संक्रमण तेज़ी से फैल रहे हैं।
राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में अस्पतालों और क्लीनिकों में खांसी, गले में दर्द, बुखार, और नाक बहने वाले मरीजों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस बार का संक्रमण सामान्य सर्दी से कहीं अधिक लंबा और असरदार साबित हो रहा है। कई मरीजों को ठीक होने में 10 से 14 दिन तक का समय लग रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बदलाव सिर्फ तापमान का नहीं बल्कि मौसमी संक्रमण के पैटर्न का भी है। इस बार इन्फ्लुएंज़ा A और अन्य वायरल स्ट्रेन पहले की तुलना में तेज़ी से म्यूटेट होकर शरीर को प्रभावित कर रहे हैं। कमजोर इम्युनिटी, धूल-प्रदूषण और खानपान की लापरवाही इस संक्रमण को और ताकत दे रहे हैं।


बच्चों में तेजी से बढ़ रहा इन्फ्लुएंज़ा A संक्रमण

बच्चों में फ्लू और इन्फ्लुएंज़ा A के मामले इस बार सामान्य से कहीं अधिक देखे जा रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार बदलते मौसम में बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होने के कारण वायरस तेजी से असर दिखा रहा है। 
“माता-पिता को बच्चों को ठंड से बचाना चाहिए, भीड़भाड़ से दूर रखें और पौष्टिक भोजन दें,”
-डॉ. रश्मि सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ

विटामिन C की मांग में उछाल — इम्युनिटी बूस्टर बना “आंवला-नींबू-संतरा”

देशभर में लोग विटामिन C युक्त फलों का सेवन तेजी से बढ़ा रहे हैं।
नींबू, आंवला, संतरा और अमरूद जैसे फलों की बिक्री में वृद्धि देखी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार प्राकृतिक विटामिन C फ्लू वायरस से लड़ने में मददगार है।
“सप्लीमेंट्स से बेहतर है कि लोग प्राकृतिक स्रोतों से विटामिन C लें।”
-डॉ. राजीव मेहरा, न्यूट्रिशन एक्सपर्ट

गाढ़े हरे बलगम और साइनस के केस बढ़े

कई शहरों में ईएनटी क्लीनिकों में गाढ़े हरे बलगम और साइनस इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ी है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत हो सकता है, लेकिन अगर तेज़ बुखार या सीने में दर्द नहीं है, तो ज़्यादा चिंता की बात नहीं।

घरेलू नुस्खे बने लोगों की पहली पसंद

बढ़ते संक्रमण के बीच लोग देसी उपायों की ओर लौट रहे हैं- भाप लेना, तुलसी-अदरक-शहद की चाय, हल्दी वाला दूध, और ओलबास ऑयल जैसी प्राकृतिक थेरेपी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। आयुर्वेदिक दवा दुकानों में कोल्ड रिलीफ सिरप और इम्युनिटी बूस्टर की बिक्री में भी 40% तक इजाफा दर्ज किया गया है।

कुत्तों में भी फैल रहा फ्लू जैसा संक्रमण — ‘केनल कफ’ के केस बढ़े

इस मौसम में सिर्फ इंसान नहीं, बल्कि पालतू कुत्ते भी बीमार पड़ रहे हैं।
पशु चिकित्सकों के अनुसार “केनल कफ” नामक वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है,
जो कुत्तों में खांसी और गले में इंफेक्शन पैदा करता है।
“अगर कुत्ता बार-बार खांस रहा है, तो उसे गर्म वातावरण में रखें और तुरंत Vet से जांच करवाएं।”             -डॉ. नेहा अग्रवाल, पशु चिकित्सक

सावधानी ही सबसे बड़ा इलाज

विशेषज्ञों के अनुसार सामान्य सर्दी-जुकाम से डरने की नहीं, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है।
गर्म पानी पीना, पर्याप्त नींद लेना, पौष्टिक खाना, और भीड़ से दूरी रखना —
ये चार बातें फ्लू से बचाव में सबसे असरदार हैं। “थोड़ी सावधानी और जागरूकता ही फ्लू की लहर को रोक सकती है।”-डॉ. सीमा चौहान, जनरल फिजीशियन

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