कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) योजना 2025 क्या है :- आवेदन, पूरी जानकारी

कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) क्या है। जैसे हम जानते है की भारत  एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है। लेकिन आज भी देश के अधिकांश किसान छोटे और सीमांत श्रेणी के हैं जिनके पास पर्याप्त भूमि, पूँजी और संसाधन नहीं होते। ऐसे किसान महंगे कृषि यंत्र खरीदने में असमर्थ रहते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और आय दोनों प्रभावित होती हैं।
इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक अभिनव योजना शुरू की है — कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Centre - CHC)

सबसे पहले हम जाने गे की CHC क्या है? 

कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) एक ऐसा केंद्र होता है जहाँ आधुनिक कृषि उपकरण किराये पर उपलब्ध कराए जाते हैं। इन उपकरणों का उपयोग किसान अपने खेतों में आधुनिक तकनीक के साथ कर सकते हैं, बिना उन्हें खुद खरीदने की आवश्यकता के।
यह योजना सामूहिक उपयोग, लागत में कमी और दक्षता में वृद्धि के सिद्धांत पर आधारित है।

CHC का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

CHC योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और सीमांत किसानों को आधुनिक कृषि यांत्रिकीकरण से जोड़ना है।
इसका मकसद है
  • किसानों को कम लागत पर मशीनों की सुविधा देना।
  • खेती को लाभकारी और समयबद्ध बनाना।
  • फसल उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाना।
  • किसानों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना।

किसानों की चुनौतियाँ

भारत में छोटे और सीमांत किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे महंगे कृषि यंत्र खरीद नहीं पाते। जिस के कारण बहुत से किसान खेती कर नहीं पाते है
  • एक ट्रैक्टर की कीमत लाखों में होती है।
  • थ्रेशर, सीड ड्रिल, रीपर, स्प्रेयर जैसे उपकरण भी भारी लागत वाले होते हैं।
ऐसे में किसान पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं, जिससे
  • समय अधिक लगता है,
  • श्रम की आवश्यकता बढ़ती है,
  • उत्पादन घटता है,
  • और लाभ कम होता है।

यहीं पर CHC किसानों के लिए वरदान साबित होता है।

CHC कैसे काम करता है?

कस्टम हायरिंग सेंटर किसी व्यक्ति, किसान समूह, सहकारी समिति, पंचायत या FPO (Farmers Producer Organization) द्वारा स्थापित किया जा सकता है।

इस केंद्र में विभिन्न कृषि यंत्र रखे जाते हैं, जिन्हें किसान किराये पर बुक कर सकते हैं।

अगर आप खुद का कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना चाहते है तो आप आवेदन अनलाइन अप्लाइ कर सकते अधिकारी वेब साइट पर जा के .:-(https://chc.mpdage.org/)

कार्य प्रणाली:

  • किसान अपने नजदीकी CHC से संपर्क करता है।
  • आवश्यक उपकरण की बुकिंग करता है।
  • तय समय और शुल्क के अनुसार मशीन खेत में पहुंचाई जाती है।
  • काम पूरा होने के बाद उपकरण वापस कर दिया जाता है।

इस तरह किसान को कम खर्च में आधुनिक मशीनों का उपयोग करने का अवसर मिलता है।

 सरकारी सहायता (Subsidy)

  • सरकार CHC खोलने पर पूंजीगत अनुदान (Capital Subsidy) देती है।
  • सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को 40% तक सब्सिडी।
  • SC/ST, महिला, या SHG (Self Help Group) को 50% तक सब्सिडी।
  • यह सहायता अधिकतम ₹25 लाख तक मिल सकती है (मशीनरी के अनुसार)।
इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं क्योंकि CHC में मशीन ऑपरेटर, मैकेनिक, बुकिंग एजेंट आदि की आवश्यकता होती है।

डिजिटल सुविधा – CHC Farm Machinery App

कृषि मंत्रालय ने किसानों की सुविधा के लिए “CHC Farm Machinery App” लॉन्च किया है।

यह एक मोबाइल एप्लिकेशन है जहाँ किसान:

  • अपने नजदीकी CHC खोज सकते हैं,
  • उपकरणों की उपलब्धता और किराया देख सकते हैं,
  • और ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।

इससे पारदर्शिता बढ़ी है और किसान को समय पर मशीनें मिल पाती हैं।

 उपलब्ध उपकरण

CHC में खेती के विभिन्न चरणों के लिए मशीनें उपलब्ध रहती हैं —

  • भूमि तैयारी के लिए: ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, लेवलर, पावर टिलर।
  • बुवाई के लिए: सीड ड्रिल, प्लांटर, ड्रॉपर।
  • फसल प्रबंधन के लिए: स्प्रेयर, वीडर, मल्चर।
  • कटाई और मड़ाई के लिए: रीपर, हार्वेस्टर, थ्रेशर।
  • अनाज प्रोसेसिंग के लिए: ग्रेडर, क्लीनर आदि।

इससे खेती की पूरी प्रक्रिया आधुनिक और कुशल बन जाती है।

किसानों के लिए लाभ

  • कम लागत, ज्यादा उत्पादन: मशीनें किराये पर मिलने से लागत घटती है और उत्पादन बढ़ता है।
  • समय की बचत: मशीनों से काम जल्दी होता है, जिससे फसल समय पर तैयार होती है।
  • श्रम की कमी की पूर्ति: मजदूरों की कमी होने पर भी खेती रुकती नहीं।
  • फसल की गुणवत्ता में सुधार: सटीक तकनीक के उपयोग से फसल बेहतर होती है।
  • पर्यावरण संरक्षण: आधुनिक उपकरण जल, मिट्टी और उर्वरक का सही उपयोग सुनिश्चित करते हैं।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

CHC योजना न केवल खेती को तकनीकी बना रही है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त भी कर रही है।

  • रोजगार सृजन हो रहा है।
  • ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार का अवसर मिल रहा है।
  • सामूहिक खेती और सहकारिता को प्रोत्साहन मिल रहा है।
  • महिला समूह (SHG) भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

भारत में कृषि यांत्रिकीकरण का स्तर अभी भी लगभग 40% है, जबकि विकसित देशों में यह 90% तक है।
CHC जैसे मॉडल को मजबूत कर हम —
  • कृषि उत्पादकता बढ़ा सकते हैं,
  • किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं,
  • और ग्रामीण विकास की दिशा में ठोस कदम बढ़ा सकते हैं।
भविष्य में CHC को ड्रोन तकनीक, AI आधारित उपकरणों और स्मार्ट फार्मिंग सिस्टम से जोड़ना एक बड़ा कदम हो सकता है।
कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) भारतीय कृषि में परिवर्तन का प्रतीक है। यह योजना “हर किसान के लिए तकनीक, हर खेत के लिए समृद्धि” के मंत्र को साकार करती है।जहाँ पहले किसान आधुनिक उपकरणों से दूर थे, वहीं अब वे आसानी से इनका लाभ उठा रहे हैं। CHC के माध्यम से खेती अब सिर्फ जीविका का साधन नहीं, बल्कि एक तकनीकी और लाभकारी व्यवसाय बनती जा रही है।

किसानों की सफलता की कहानियाँ

देश के कई राज्यों में CHC के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि हुई है।

उदाहरण के लिए

राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और बिहार के कई गाँवों में किसान समूहों ने मिलकर CHC खोले हैं। वे अपने उपकरण किराये पर देकर सालाना ₹3–5 लाख तक की अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।
साथ ही, आसपास के छोटे किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिल रहा है।
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